वाह वा रे दुनियादारी है ! हिंदी भजन_ वं.राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज
सबके लिये खुला है मंदिर ये हमारा ! सबके लिये खुला है मंदिर ये हमारा !
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 Published On Nov 18, 2017

वाहवाह रे ! दुनियादारी है । सब भूल गये नरनारी है



वाहवाह रे ! दुनियादारी है । सब भूल गये नरनारी है ।।टेक।।

पत्थरको तो घी शक्करसे, खूब मले कर जोरी है ।
भूखेको नहि चना चबाने, ऐसो ग्यान अनारी है ।।१।।

जीते-जी कोडी नहि देवे, मरके धन लुटवायेंगे ।
जीते-जी कर सत्‌की निंदा, मरते जशको गायेंगे ।।२।।

बखत पड़ी तब कोउ न दौरे, नहि तब प्रेम बतायेंगे ।
सुखमें ईश्वर   कभू न बोले, दुखमें नाम जपायेंगे ।।३।।

तुकड्यादास कहे मुँहपर तो हाँजी हाँ कह जायेंगे ।
पीछे जाकर घरमें घुसकर, सिरपर छुरी चलायेंगे ।।४।।

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