Rashtrasant Tukdoji Maharaj Bhajan – सुहागन तीरथ करने चली ॥
Manik Dhore Manik Dhore
21.4K subscribers
493,893 views
1.7K

 Published On Apr 17, 2019

सुहागन तीरथ करने चली ॥ धृ ।।
अंग भरे जेवर सजवाकर, कंधी तेलसे मली ।।१।।
पतिके सिरपर बोझा देकर, हाथ हिलावत खुली ।।२।।
ऊँट सवारो, घोडा बाँधो, आप रहत है खुली ॥३।।
रोठ बुलाओ, लड़ बनाओ, आप न थोडी हिली ।।४।
पती बिचारा बेल बना है, आप बनी है बली ॥५॥
सन्त-देवता से नहीं नाता, घुमे दुकान और गली।।६॥
क्या होगा तीरथ करनेसे ? पती चढ़ाया सुली ॥७।।
तुकड्यादास कहे ए भाई! काहेको ऐसी पली! ।।८।।
राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज
Rashtrasant Tukdoji Maharaj Bhajan – Suhagan Tirath Karane Chali
रचना - राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज
Source: From the collection of Shri. Mohan Gaigol, Rashtrasant Tukdoji Maharaj Gurudev Seva Ashram Bhajan Mandal, Changefal. हे भजन share करण्यामागे फक्त महाराजांच्या ठायी असलेली भावभक्ती हा एकमेव हेतू आहे.
Subscribe to this channel and stay tuned:    / @manikdhore6821  

show more

Share/Embed