KAMALNETAR STOTRA WITH LYRICS- कमलनेत्र स्तोत्र (पारम्परिक धुन ) |
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 Published On Aug 19, 2018

KAMALNETAR STOTRA :-
श्री कमलनेत्र स्तोत्र:-    • KAMALNETAR STOTRA WITH LYRICS- कमलनेत...  

श्री कमलनेत्र कटि पिताम्बर अधर मुरली गिरधरम I
मुकुट कुण्डल कर लकुटिया सांवरे राधे वरम II
कूल यमुना धेनु आगे सकल गोपी मन हरम I
पीत वस्त्र गरूड़ वाहन चरण सुख नित सागरम II
करत कोलि किलोल निशदिन कुंज भवन उजागरम I
अजर अमर अडोल निश्चल पुरुषोत्तम अपरा परम II
दीनानाथ दयाल गिरिधर कंस हिरणाकुश हरणम I
गल फूल माल विशाल लोचन अधिक सुन्दर केशवम II

बंशीधर वासुदेव छइया बलि छल्यो श्री वामनम I
जल डूबते गज राख लीनो लंक छेधयो रावणम II
सप्त दीप नव खण्ड चौदह भवन कीनों एक पदम् I
द्रौपदी की लाज राखी कहाँ लौ उपमा करम II
दीनानाथ दयाल पूरण करुणामय करुणाकरम I
कविदत्त दास विलास निशदिन नाम जप नित नागरम II
प्रथम गुरु के चरण बन्दौ यस्य ज्ञान प्रकाशितम I
आदि विष्णु जुगादि ब्रम्हा सेविते शिव शंकरम II

श्री कृष्ण केशव कृष्ण केशव कृष्ण यदुपति केशवम I
श्री राम रघुवर राम रघुवर राम रघुवर राघवम II
श्री राम कृष्ण गोविन्द माधव वासुदेव श्री वामनम I
मच्छ कच्छ वराह नरसिंह पाहि रघुपति पावनम II
मथुरा मे केशव राय विराजे गोकुल बाल मुकुंद जी I
श्री वृन्दावन मे मदन मोहन गोपीनाथ गोविन्द जी II
धन्य मथुरा धन्य गोकुल जहां श्री पति अवतरे I
धन्य यमुना नीर निर्मल ग्वाल बाल सखावरे II

नवनीत नागर करत निरन्तर शिव विरंचि मन I
कालिन्दी तट करत क्रीड़ा बाल अद्धभुत सुन्दरंम II
ग्वाल बाल सब सखा विराजे संग राधे भामिनी I
बंशी वट तट निकट यमुना मुरली की टेर सुहावनी II
भज राघवेश रघुवंश उत्तम परम राजकुमार जी I
सीता के पति भक्तन के गति जगत प्राण आधार जी II
जनक राजा पनक राखी धणुष बाण चढ़ावही I
सती सीता नाम जाके श्री राम चन्द्र प्रणामही II

जन्म मथुरा खेल गोकुल नन्द के हृदि नन्दनम I
बाल लीला पतित पावन देवकी वसुदेवकम II
श्री कृष्ण कलिमल हरण जाके जो भजे हरिचरण को I
भक्ति अपनी देव माधव भव सागर के तरण को II
जगन्नाथ जगदीश स्वामी श्री बद्रीनाथ विश्वम्भरम I
दवारिका के नाथ श्री पति केशवं प्रणमाम्यहम II
श्री कृष्ण अष्टपद पढत निशदिन विष्णुलोक सगच्छतम I
श्री गुरु रामानन्द अवतार स्वामी कवि दत्त दास समाप्तम II

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