Published On Jan 15, 2023
इस जागर में पितृ (माँ) का अवतार होता है पितृ का जब स्वर्गवास हुआ तब सभी जरुरी विधिविधान किए थे ताकि उसकी आत्मा को शान्ति मिले और वो प्रभु के चरणों में चले जाए, किंतु जब पितृ जीवित थी तब एक दिन किसी बात पे हल्की बहस ने धीरे धीरे ऐसा रूप दिखा दिया जिससे गुस्से में आके बेटा ना चाहते हुए भी अपना जूता फैंकता है और वो गलती से माँ (ईजा) के छाती में जा लगता है यही गलती पितृ के दिल को दुखा देती है उसे रोना आता है बात इतनी बिगड़ जाती है वो घर छोड़ के आत्महत्या करने चली जाती है इसी बीच वो गोलुदेवता ,मैय्या और कलबिष्ट देवता को पुकार कर देती है कि जिस लड़के को पाल पोस के बड़ा किया अपना नही खा के उसकी हर जरुरत पूरी की आज वही मुझे मारने आ रहा है , देवता उसे आत्महत्या करने से रोकते है बस यही से देवता का कार्य शुरू हो गया न्याय दिलाने के लिए देवता पितृ के साथ उस घर में अपने चेटक दिखाने लग गए,
दोस्तों पुत्र कुपुत्र हो जाता है पर माता कुमाता नही होती है
आज माँ को फिर भी अपने पुत्रों पर वही प्यार आ गया, दया आ गई और सबको माफ़ करती है पर देवता न्याय करते हुए पूजा के जरुरी विधिविधान करते है
इस जागर में गुरु ने पंचनाम देवताओं की कथा का बहुत सुन्दर वर्णन किया है जिसमे एक बार पंचनाम देवता गुरु की दी हुई 1 धूणी की 7 धूणी कर देते है सब अपने अहम के चलते इस तरह के कार्य करते है जो संसार के लिए बहुत घातक होता है देवताओं की सभा में गोलू देवता जा के 7 धूणी की 1 धूणी करते है दोस्तों जागर की विडियों बना के आप तक पहुँचाने का उद्देश्य सिर्फ इतना है अपनी संस्कृति, अपनी सभ्यता, अपने देव, अपनी भूमि, की जानकारी पूजा विधिविधान, परम्परा को आने वाली पीढ़ी जान सके, आज की भाग दौड़ भरे जीवन में आधुनिकता के बढ़ते प्रभाव में हमारी पीढ़ी इस तरह की पूजा को नही जानती है और उनका इस ओर कोई रूचि भी नही है, किन्तु पितृ दोष या अन्य देव पूजा करने के कई कारण और कई विधान है जो हमें जानने चाहिए और आने वाली पीढ़ी के लिए सुरक्षित भी रखने चाहिए . सभी अपना प्यार आशीर्वाद बनाए रखना. जय #kumauniculture #goludevta गोलूदेवता जय #kumaunijagar देव भूमि पितरों तुम्हारी जय हो