दस्तावेजी साक्ष्य द्वारा मौखिक साक्ष्य का अपवर्जन || भारतीय साक्ष्य अधिनियम || धारा– 91 से 100 तक
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 Published On Apr 30, 2024

दस्तावेजी साक्ष्य द्वारा मौखिक साक्ष्य का अपवर्जन || भारतीय साक्ष्य अधिनियम || धारा- 91 से 100 तक
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00:23 जो लिखित है वह लिखित द्वारा ही साबित होगा इसके अपवाद
03:24 अपवाद
03:25 अन्य तथ्य
04:52 लोक पद पर नियुक्ति
05:20 प्रोबेट (Probate)
06:11 दस्तावेज की वैधता
06:46 जिस विषय के बारे में दस्तावेज मौन है
08:04 पूर्ववर्ती शर्त
09:00 विखंडन या उपान्तरण
09:40 रूढ़ि या प्रथा
10:26 भाषा का तथ्यों से सम्बन्ध


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प्रश्न- जो लिखित है वह लिखित द्वारा ही साबित (Prove) होगा इसके अपवाद को बताइये

उत्तर- भारतीय साक्ष्य अधिनियम का मूलभूत सिद्धान्त यह है कि, न्यायालय के समक्ष सर्वोत्तम साक्ष्य प्रस्तुत किया जाना चाहिए जो तथ्य साबित (Prove) किया जाना है यदि वह दस्तावेज के रूप में है। तो दस्तावेज ही उस तथ्य का सबसे अच्छा साक्ष्य होता है। इसलिए ऐसे तथ्य को दस्तावेज द्वारा ही साबित (Prove) किया जाना चाहिए इसके निम्नलिखित तीन प्रमुख कारण है:-
I. दस्तावेजी साक्ष्य अधिक स्थाई होते है।
II. ये अधिक विश्वसनीय होते हैं।
III. दस्तावेजी साक्ष्य सत्यता जांचने के लिए बेहतर साक्ष्य होते है।
उपरोक्त विशेषताओं के कारण दस्तावेजी साक्ष्य की उपस्थिति में मौखिक साक्ष्य प्रायः अपवर्जित (Excluded) कर दिए जाते है अधिनियम का अध्याय- 6 धारा-91 से धारा- 100 दस्तावेजी साक्ष्य द्वारा मौखिक साक्ष्य के अपवर्जन (Exclusion) (Exclusion) के विषय में प्रावधान करती है।


धारा-91 उपर्युक्त मामलों मे शर्तों को सिद्ध करने के लिए किसी अन्य साक्ष्य का दिया जाना प्रतिषिद्ध (Prohibited) करती है ऐसी शर्तो को केवल निम्नलिखित दो साक्ष्यों द्वारा लागू किया जा सकता है।
I. स्वयं दस्तावेज द्वारा
II. द्वितीयक साक्ष्य (Secondary Evidence) द्वारा

भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा- 92 मौखिक करार के साक्ष्य का अपवर्जन (Exclusion) करती है जहां किसी संविदा अनुदान (Grants) सम्पत्ति के व्ययन (Disposition) या कोई अन्य विषय जिसके दस्तावेज के रूप में लेखबद्ध (Reduced) किए जाने की विधिक अपेक्षा हो, धारा- 91 के अनुसार सिद्ध किया जा चुका है। वहां धारा- 92 के उपबन्ध लागू होगे।

◆ अपवाद –
1. अन्य तथ्य (धारा- 91 स्पष्टीकरण- 3)

जब संविदा आदि के निबन्धनों (Terms) के अतिरिक्त कोई अन्य तथ्य भी दस्तावेज में लेखबद्ध (Reduced) कर दिया गया हो तो ऐसे अन्य तथ्य के बारे मे मौखिक साक्ष्य दिया जा सकता है धारा- 91 के अन्तिम दो दृष्टान्त इस बिन्दु पर महत्वपूर्ण है।

दृष्टान्त- d:-


दृष्टान्त- e :-



2. लोक पद पर नियुक्ति (धारा – 91 अपवाद- 1)
जहां विधि द्वारा किसी लोक अधिकारियों की नियुक्ति लिखित रूप में अपेक्षित है वहां यदि यह दर्शा दिया जाता है कि, व्यक्ति विशेष ने ऐसे अधिकारी के रूप में कार्य किया है वहां उस लेख को जिसके द्वारा नियुक्त किया गया है, सिद्ध किया जाना आवश्यक नहीं है।

3. प्रोबेट (Probate) (धारा- 91 अपवाद- 2)
ऐसी वसीयत जिन्हें प्रोबेट (Probate) प्राप्त हुआ है, प्रोबेट (Probate) द्वारा साबित (Prove) की जा सकेगी।

◆ प्रोबेट (Probate) क्या है-
भारतीय साक्ष्य अधिनियम में प्रोबेट (Probate) शब्द परिभाषित नहीं है सामान्यतः यह सक्षम क्षेत्राधिकार वाले न्यायालय की मुद्रा के अधीन वसीयत की प्रमाणित प्रति है प्रोबेट (Probate) द्वारा वसीयतकर्ता (Testator) की सम्पत्ति के प्रकाशन का अधिकार प्रदान किया जाता है



4. दस्तावेज की वैधता (धारा- 92 परन्तुक– 1)
कोई भी ऐसा तथ्य मौखिक साक्ष्य द्वारा साबित (Prove) किया जा सकता है जो दस्तावेज को अविधिमान्य बना दे या जो किसी व्यक्ति को उससे सम्बन्धित कोई डिक्री या आदेश का हकदार बना दे किसी भी दस्तावेज की वैधता कई आधारों पर प्रश्नगत की जा सकती है जैसे-

5. जिस विषय के बारे में दस्तावेज मौन है (धारा- 92 परन्तुक- 2)
जिस विषय पर दस्तावेज मौन है उसके बारे में मौखिक साक्ष्य दिया जा सकता है ऐसे साक्ष्य को ग्राह्य (Admissible) होने के लिए दो शर्तों की सन्तुष्टि आवश्यक हैं:-

I. मौखिक साक्ष्य दस्तावेज के निबन्धनों (Terms) के वितरित नहीं होना चाहिए।
II. मौखिक करार के साक्ष्य की अनुज्ञा देते हुए न्यायालय दस्तावेज की प्रारूपता की मात्रा को ध्यान में रखेगा।
उदाहरण-

6. पूर्ववर्ती शर्त (Precedent Condition) (धारा-92 परन्तुक- 3)
किसी अलग ऐसे मौखिक करार का अस्तित्व में होना जो किसी दस्तावेज के अन्तर्गत दायित्व उत्पन्न होने के लिए पुरोभाव्य शर्त (Precedent Condition) हो तो उसका मौखिक साक्ष्य दिया जा सकता है इस बिन्दु पर,

वीर स्वामी बनाम नारयम्मा 1949 P.C


7. विखंडन या उपान्तरण (Rescind or Modify) (धारा- 92 का परन्तुक- 4)
दस्तावेज के निष्पादन करने के पश्चात यदि पक्षकार उसे निरस्त करने या उमसे कुछ फेर-फार करने का मौखिक करार करे तो ऐसे मौखिक करार का साक्ष्य दिया जा सकता है।


8. रूढ़ि या प्रथा (Usage or Custom) (धारा- 92 परन्तुक- 5)
जब कोई ऐसी रुढ़ि या प्रथा (Usage or Custom) हो जो किसी संविदा को प्रभावित करती हो उसका मौखिक साक्ष्य दिया जा सकता है। परन्तु, ऐसे मौखिक साक्ष्य को संविदा के अभिव्यक्त निबन्धनों (Terms) से असंगत (Inconsistent) नहीं होना चाहिए

उदाहरण-

9. भाषा का तथ्यों से सम्बन्ध (धारा- 92 परन्तुक- 6)
किसी भी ऐसे तथ्य का साक्ष्य दिया जा सकता है जो कि, यह दर्शाये कि, किस तरह से दस्तावेज की भाषा वर्तमान तथ्यों से सम्बन्ध रखती है।
उदाहरण-

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