मां नंदा सुनंदा शोभा यात्रा रानीखेत 2024 ||Nandadevi mahotsav Ranikhet 2024 ||Utarakhand's festival🎎
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 Published On Sep 16, 2024

कथा के अनुसार कहते हैं कि एक बार मां नंदा सुनंदा अपने ससुराल जा रही थीं। तभी राक्षस रूपी भैंस ने नंदा सुनंदा का पीछा किया। जिनसे बचने के लिए मां नंदा सुनंदा केले के पेड़ के पीछे छुप गईं। तभी वहां खडे़ बकरे ने उस केले के पत्तों को खा लिया। जिसके बाद राक्षस रूपी भैंस ने मां नंदा सुनंदा को मार दिया। ऐसा माना जाता है कि मां नंदा और सुनंदा साल में एक बार अपने मायके यानी कुमाऊं जरूर आती हैं। यही कारण है कि अष्टमी के दिन कुमाऊं के विभिन्न स्थानों पर मां नंदा और सुनंदा की प्रतिमा तैयार कर प्राण प्रतिष्ठा की जाती है। प्राण प्रतिष्ठा के बाद समझा जाता है कि मां नंदा सुनंदा अपने मायके पहुंच गई है।



नंदा सुनंदा मैय्या की जय 🙏🌸🙌

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