कुमाऊँनी छोलिया नृत्य | Kumaoni Chaliya Dance संस्कृति की पहचान | Almora | Uttarakhand
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 Published On Mar 13, 2023

उत्तराखंड में यूं तो बहुत सारे लोकनृत्य है लेकिन उसमें से एक प्रचीन नृत्य प्रमुख है छोलिया नृत्य। इसे सरौं नृत्य के नाम से भी जाना जाता है। यह नृत्य एक युद्ध के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। जिसमें प्रमुख वाद्य यंत्र ढोल , दमाऊ ,रणसिंघा ,मसकबिन आदि बजाये जाते है।
छोलिया नृत्य (Chaliya Dance) में पुरुष चूड़ीदार पाजामा एवं एक घेरेदार गोल लंबा कुर्ता पहनते हैं, जिसके ऊपर एक बड़ी बेल्ट बंधी होती है इसके अलावा कानों में बालियां और सर पे गोल पगडी बाँधी जाती है। इसके साथ ही चेहरे पर सफेद एवं लाल रंग से एक सुनहरा अवतार बनाया जाता है। पहाड़ो में इसे खास रूप से शादी-विवाह में बजाते हैं। यह नृत्य पीढ़ियों से उत्तराखंड के संस्कृति की पहचान रहा है।
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छोलिया नृत्य का महत्व | Importance of choliya dance  –

उत्तराखंड कुमाऊं की संस्कृति में छोलिया नृत्य (choliya dance) का विशेष महत्व है। यह लोक नृत्य ऐतिहासिक होने के साथ साथ कुमाउनी संस्कृति को एक विशिष्ट पहचान देता है। राजाओं की वीरता के प्रदर्शन से कुमाऊं के सांस्कृतिक जीवन में उतरा उत्तराखंड का लोक नृत्य छोलिया नृत्य ( chholiya dance ) कभी कुमाऊं की संस्कृति का अभिन्न हिस्सा हुवा करता था। पिछले समय की क्षत्रिय बारातों की इसके बिना शोभा नहीं होती थी। कुमाऊं की बारातों में सबसे आगे मांगलिक प्रतीकों ,सूर्य ,चंद्र , स्वास्तिक से अंकित लाल रंग का ध्वज ( निशाण ) होता था। उसके पीछे रणसिंघ ,ढोल दमाऊ , मशकबीन वादक और उनके पीछे छोलिया नर्तक और वर तथा वरयात्री होते थे। रणसिंघ की आवाज से श्रीगणेश के साथ ढोल दमाऊ और मशकबीन की धुन में छोलिया नर्तक अपनी पैतरेबाजी और चपलता और नृत्य के साथ भावभंगिमाओं से बारात में आये लोगों का मनोरंजन करते हैं।
कुमाऊ मंडल के क्षत्रियों के सांस्कृतिक जीवन का अभिन्न अंग समझी जाने वाली यह विशिष्ट कला अब विलुप्तप्राय हो रही है। पुरानी पीढ़ी द्वारा सर्वमान्य सांस्कृतिक परम्परा अब सरकारी स्तर पर आयोजित एक प्रदर्शनी मात्र रह गई है।  निपुण प्रशिक्षित कलाकारों की दिन प्रतिदिन कमी हो रही है। अब वो दिन दूर नहीं जब आने वाली पीढ़ियां, वर्तमान पीढ़ी द्वारा संरक्षित फोटो या वीडियो को देखकर या किताबों या इंटरनेट पे लिखे लेख पढ़कर इनके बारे में जानकारी प्राप्त कर सकेगी।

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