रामायण - EP 31 - शूर्पणखा द्वारा रावण को सीता हरण के लिये उकसाना।मारीच का स्वर्ण मृग रूप धारण करना।
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 Published On Oct 6, 2024

Ramayana - Episode 31 - Surpanakha instigates Ravana to abduct Sita | To assume the form of Maricha's golden deer.

अपनी कटी नाक लेकर शूर्पणखा रावण की राजसभा में जाकर दुहाई देती है। उसकी दशा देखकर रावण क्रोधित होता है। वो शूर्पणखा से राम और लक्ष्मण के बारे में सुनता है लेकिन जब रावण को खर दूषण के मारे जाने का पता चलता है तो उसे इसके पीछे देवताओं के षड्यन्त्र का सन्देह होता है। शूर्पणखा रावण को भड़काते के लिये झूठ कहती है कि राम और लक्ष्मण के साथ एक अनुपम सुन्दर स्त्री सीता है और वो भाई रावण के लिये उस स्त्री को उठाने गयी थी तब उन दोनों भाईयों ने उसकी यह दशा की और रावण को चुनौती दी कि यदि उसमें साहस है तो वो स्वयं आकर सीता को ले जाए। सेनापति अकम्पन लंकापति को राम और लक्ष्मण के राजकुल और उनकी वीरता के बारे में बताता है। विभीषण भी राम द्वारा अपने राज्य की रक्षा हेतु असुरों के वध को नीतिसंगत बताते हैं। रावण को विभीषण की बातें अच्छी नहीं लगती। वह राम पर आक्रमण करने को उद्धत होता है। सेनापति अकम्पन रावण को परामर्श देता है कि पहले छलबल से सीता का हरण कर लिया जाये। इससे राम का मनोबल टूट जायेगा और तब आसानी से राम लक्ष्मण को मारा जा सकता है। विभीषण एक बार पुनः परस्त्रीहरण को धर्म विरूद्ध बताते हैं लेकिन रावण कहता है कि धर्म अधर्म का विचार शक्तिहीन करते हैं। महल में रानी मन्दोदरी भी रावण को समझाती है कि राजा की गलती का परिणाम समस्त प्रजा को भोगना पड़ता है। लेकिन शूर्पणखा फिर से सीता की सुन्दरता का बखान कर रावण का मन उनपर आसक्त कर देती है। रावण विमान से मामा मारीच के पास जाता है। मारीच राम के बाण से घायल होने के बाद से सन्यासी बन चुका होता है। रावण उससे मायावी विद्याओं की सहायता माँगता है। मारीच उसे राम की शक्ति के बारे में बताता है। तब रावण चेतावनी देता है कि मारीच उसकी प्रार्थना को राजाज्ञा मानकर पूरी करे अथवा परिणाम भोगने के लिये तैयार हो जाय। मारीच मान जाता है। रावण मारीच को स्वर्ण मृग का रूप धारण कर राम व लक्ष्मण को अपने पीछे भगाने की योजना देता है। मारीच एक बार फिर रावण को समझाता है कि राम से वैर मोल लेकर वो अपने कुल का नाश कर लेगा। अंहकार में डूबा रावण मारीच को दो विकल्प देता है। मारीच अभी इसी क्षण उसके हाथ मरना स्वीकार करे अथवा उसकी आज्ञा का पालन करे। मारीच समझ जाता है कि आज उसकी मौत निश्चित है। वो रावण की बजाय प्रभु राम के हाथों मरना पसन्द करता है और रावण की आज्ञानुसार स्वर्ण मृग का रूप रखकर पर्णकुटी के पास भ्रमण करने लगता है। सीता उसे देखकर मोहित होती हैं और राम लक्ष्मण को बुला लाती हैं। सीता राम से मृग को पकड़ लाने के लिये कहती हैं। लक्ष्मण मृग के अलौकिक रूप से सशंकित होते हैं लेकिन राम कहते हैं कि यदि ये कोई राक्षसी माया है तो उसका अन्त होना भी आवश्यक है। राम लक्ष्मण को सीता की सुरक्षा हेतु कुटिया में रहने को कहते हैं और मृग के पीछे जाते हैं।

निर्माता और निर्देशक - रामानंद सागर
सहयोगी निर्देशक - आनंद सागर, मोती सागर
कार्यकारी निर्माता - सुभाष सागर, प्रेम सागर
मुख्य तकनीकी सलाहकार - ज्योति सागर
पटकथा और संवाद - रामानंद सागर
संगीत - रविंद्र जैन
शीर्षक गीत - जयदेव
अनुसंधान और अनुकूलन - फनी मजूमदार, विष्णु मेहरोत्रा
संपादक - सुभाष सहगल
कैमरामैन - अजीत नाइक
प्रकाश - राम मडिक्कर
साउंड रिकॉर्डिस्ट - श्रीपाद, ई रुद्र
वीडियो रिकॉर्डिस्ट - शरद मुक्न्नवार

Ramayan is an Indian television series based on ancient Indian Sanskrit epic of the same name. The show was originally aired between 1987 and 1988 on DD National. It was created, written, and directed by Ramanand Sagar. The show is primarily based on Valmiki's 'Ramayan' and Tulsidas' 'Ramcharitmanas'. The series had a viewership of 82 per cent, a record high for any Indian television series. The series was re-aired during the 2020 Coronavirus lockdown and broke several viewership records globally which includes setting the record for one of the most watched TV shows ever in the world, with 77 million viewers on 16 April 2020.

In association with Divo - our YouTube Partner

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