निशब्द परमात्मा की प्राप्ति केवल योग्य व्यक्ति को ही हो पाती है || akah anam prmatma ||
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 Published On May 12, 2024

परमात्मा को हम सिर्फ़ पहचान सकते हैं | वो भी उसके गुणों की पहचान कर सकते हैं और उन गुणों को हम बार बार अहसास करते रहने से वही गुण हमारे अन्दर भी स्थाई होने लग जाते हैं | उस परमात्मा के गुण ही अमर और परम शान्त ,स्थिरता वाले हैं की जिनको हम अपने में अहसास करते करते इच्छाओं से मुक्त होने लग जाते हैं |क्यों कि परमात्मा इच्छाओं से मुक्त है |और हम इच्छाओं से भरे पड़े हैं | सर्वव्यापी थिर है और हम गति में हैं | तो हमारे मन को भी उसी गुण में लाना होगा तभी हमारे मन का उसको जानना पूरा हो पाएगा |
केवल हम इन गुणों को पहचान कर वही गुण अपने में लाकर उस जैसा बन सकते हैं |तो समझो हम परमात्मा जैसे ही बन गये | हम परमात्मा को देख नहीं सकते आज तक कोई भी ऐसा पैदा ही नहीं हुआ और न ही पैदा होगा | जो उसको देख सके ,लेकिन अपने मन को मिटा सकते हैं जब हमारा मन ही मिट गया तो हमारे अगले जन्म भी कम हो जायेंगे और फिर एक जन्म हमारा ऐसा होगा जो हमारा आखरी जन्म होगा तब हम तो मिट गये रहा कौन निशब्द अमर शान्त इसी को ही पूर्ण मोक्ष कहते हैं |

अकह अनाम चैनल के मार्गदर्शन में ,

यदि किसी को शरीर में कहीं भी दर्द रहता है , शरीर में कहीं भी पथरी का दर्द है तो निशब्द अमर शान्त परमात्मा का अह्स्सास करने से उसे 2 -3 मिनट में कुछ देर तक आराम मिल जाता है | आप अपने घर पर ही अपना और अपने परिवार का दर्द कम कर आराम पा सकते हैं | मेरी पत्नी के पित्ताशय ( गाल ब्लेडर ) में पथरी है | मैंने अमर शान्त परमात्मा का अह्स्सास उनके अन्दर किया (जोकि मैंने 5-6 दिन तक किया) तो आज 3 महीने हो गये आज तक तो उन्होंने दर्द की शिकायत नहीं बताई है मैं चाहता हूँ की और लोग भी अमर शान्त परमात्मा का अह्स्सास खुद अपने ही घर पर खुद ही करके दर्द से आराम पा सकें |

यदि किसी को अमर शान्त परमात्मा का अह्स्सास कैसे करना है समझ नहीं आ रहा हो और दूसरों की निस्वार्थ भाव से मदद ( दर्द में आराम ) देना है तो नीचे बॉक्स में कोमेंट में लिखें |

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