हसीं मजाक
गढ़वाल की संस्कृति गढ़वाल की संस्कृति
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 Published On Jul 12, 2024

अब शादी में गांव की महिलाओं के द्वारा मांगलगीत और बारातियों के साथ ऐसी हंसी मजाक बहुत कम दिखाई देती है, 20/25 साल पहले तक यह रीति रिवाज चल रहा था। हल्दीहाथ, मंगलस्नान, गणेश पूजन, स्तम्भ पूजन, द्वारदेश (गेट) पर बारात स्वागत के समय, धूल्यर्घ, गोत्रोच्चार, फेरों के समय मांगलगीत, बैठक और बेदी में बारातियों को नाम लेकर गाली देना लेकिन अब धीरे धीरे यह रिवाज समाप्त हो रहा है।

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