इस मेले की खास बात ये है कि ये मेला हर तीन साल में एक बार आता है और इस दिन नरेन्स देवता जी अपने उदगम स्थान छोत कण्डे में आते हैं और निचार गाँव के हर मकान से एक व्यक्ति का आना अनिवार्य होता हैं।