Published On Apr 27, 2022
गुरुद्वारा रीठा साहिब
गुरुद्वारा रीठा साहिब
गुरुद्वारा रीठा साहिब नानकमत्ता से मोटरबाइक सड़क द्वारा 209 किलोमीटर दूरी पर स्थित है । बरेली- टनकपुर खंड पर अंतिम रेलवे स्टेशन टनकपुर से यह 166 किलोमीटर दूर है। यहां पर गुरु नानक देव का नाथ योगी के साथ संवाद हुआ, जिसे उन्होंने सक्रिय मानवतावादी सेवा के मार्ग में लाने की कोशिश की और साथ में भगवान का नाम स्मरण करवाया ।यह कहानी जन्मसखियों में नहीं दी गई है, लेकिन स्थानीय स्तर पर एक मजबूत विश्वास है कि गुरु नानकदेव ने मूलतः तीते फल रीठा को अपनी शक्तियों से मीठे में परिवर्तित किया , जिससे की भाई मरदाना अपना भोजन प्राप्त कर सकें |
एक रीठा (साबुन) का वृक्ष (मूल नहीं है) अभी भी यहां है और तीर्थयात्रियों को मिठाई में रीठे का रस का प्रसाद दिया जाता है । गुरुद्वारा से लगभग दस किलोमीटर की दूरी पर, एक ऐसा बगीचा है जहां ऐसे पेड़ उगते हैं और उनके फल एकत्र किए जाते हैं और उन्हें गुरुद्वारा के प्रसाद का भंडार भरने के लिए लाया जाता है। इसे नानक बागीच कहा जाता है।