Published On Oct 6, 2020
हरिओम! प्रभुजी उत्तरकाशी - गंगोत्री मार्ग पर हरसिल पर्यटक स्थल और सेब के लिए मशहूर है लेकिन इसका पौराणिक महत्व भी है। देत्यराज जालंधर, उसकी तपस्वी पत्नी वृंदा और नारायण की एक कथा का संबंध भी इसी हरसिल से है, जहां एक श्राप के कारण स्वयं नारायण सिला के रूप में परिवर्तित हो गए थे। हरसिल उस समय काफी चर्चा में रहा जब "राम तेरी गंगा मैली" फिल्म की शूटिंग हुई थी। आज भी यहां के पोस्ट ऑफिस में वह बॉक्स सुरक्षित है, जिसमें मंदाकिनी लेटर पोस्ट करती थी। यहां की एक नदी का नाम भी मंदाकिनी हो गया। यहां के निवासी आज भी उसकी कहानियां सुनाते हैं। आइए हमारे साथ हरसिल की यात्रा कीजिए।
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Shailendra saxena
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©शैलेन्द्र सक्सेना
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