Published On Oct 14, 2024
ओ मन बसिया, मैं इतनी दूर से आई हूँ,
सुना है मेरे मनमोहन, कि तुम माखन चुराते हो, तुम्हें माखन खिलाने को, मैं मटकी साथ लाई हूँ, अरे रसिया ओ मन बसिया, मैं बरसाने से आई हूं, तेरी मुरली की धुन सुनने. MAA KA PYAAR
सुना है मेरे मनमोहन, कि तुम कृपा खूब करते हो, तेरी कृपा मैं पाने को, मैं तेरे दरबार आई हूँ, तेरी मुरली की धुन सुनने....
सुना है मेरे मनमोहन, कि तुम गाये चराते हो, तेरी गैयाँ चराने को, मैं ग्वाले
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