#सुखी
Antahkarana Midaas Antahkarana Midaas
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 Published On Oct 9, 2020

यह सभी श्लोकों में सबसे महत्वपूर्ण है। हम सभी के परिवार हैं और कई भूमिकाएँ निभानी हैं हर समय। और अगर हमारे रिश्तों में कोई सामंजस्य नहीं है, तो हम शांति नहीं हो सकती।
हमारे जीवन को सुचारू रूप से चलाने के लिए और खुशी से, हमें जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में स्वस्थ संबंध बनाए रखने की आवश्यकता है। इस श्लोक के जप से सुख की प्राप्ति होती है और सार्थक रिश्ते। वास्तव में, यह फेविकोल की तरह काम करता है। यह बांधता है और किसी के साथ हमारे टूटे और तनावपूर्ण संबंधों को नया जन्म देता है।#चाहे वह पति-पत्नी का रिश्ता हो,
माता-पिता का बच्चा हो संबंध,
#बॉस और कर्मचारी संबंध,
#सास और बहू के रिश्ते,
#व्यापार के साथी,
#दोस्त,# मास्टर-सेवक संबंध,
यह श्लोक सभी रिश्तों की मरम्मत और नवीनीकरण करता है
। जब विश्वास और भक्ति के साथ जप किया जाता है बहुत अच्छा परिणाम देता है
#जब हमारे बच्चों की शादी में देरी होती है और इस प्रक्रिया को गति देने में मदद करता है।
#इसकी मरम्मत और उपचार शक्ति भी टूटी हुई हड्डियों में शामिल होने में मदद करती है ।
मंत्रि त जल को दोनों पक्षों को पिलाने से उत्साह जनक परिणाम मिलते हैं
जप की प्रक्रियाऋद्धि- ‘‘ऊँ हृीं अर्हं णमो बोहिबुद्धीणं।’’

मंत्र - ‘‘ऊँ आं आं अं अः सर्वराजा प्रजामोहिनी सर्वजनवश्यं कुरू कुरू स्वाहा।’’

ऊँ नमो भगवते अतुलबलपराक्रमाय आदीश्वर यक्षाधिष्ठाय हृां हृीं नमः।’’
ऊँ हृीं श्रीं क्लीं निजधर्मचिंताय झ्रौं क्रौं रं हृीं नमः।’’

भक्तामर स्तोत्र की रचना आचार्य मानतुंगजी ने की थी। इस स्तोत्र का दूसरा नाम आदिनाथ स्तोत्र भी है। यह संस्कृत में लिखा गया है तथा प्रथम शब्द ‘भक्तामर’ होने के कारण ही इस स्तोत्र का नाम ‘भक्तामर स्तोत्र’ पड़ गया। ये वसंत-तिलका छंद में लिखा गया है। हम लोग ‘भक्ताम्बर’ बोलते हैं जबकि ये ‘भक्तामर’ है।

भक्तामर स्तोत्र में 48 श्लोक हैं। हर श्लोक में मंत्र शक्ति निहित है। इसके 48 के 48 श्लोकों में ‘म’, ‘न’, ‘त’ व ‘र’ ये 4 अक्षर पाए जाते हैं।

इस स्तोत्र की रचना के संदर्भ में प्रमाणित है कि आचार्य मानतुंगजी को जब राजा भोज ने जेल में बंद करवा दिया था, तब उन्होंने भक्तामर स्तोत्र की रचना की तथा 48 श्लोकों पर 48 ताले टूट गए। मानतुंग आचार्य 7वीं शताब्दी में राजा भोज के काल में हुए हैं। इस स्तोत्र में भगवान आदिनाथ की स्तुति की गई है।

भक्तामर स्तोत्र का अब तक लगभग 130 बार अनुवाद हो चुका है। बड़े-बड़े धार्मिक गुरु चाहे वो हिन्दू धर्म के हों, वे भी भक्तामर स्तोत्र की शक्ति को मानते हैं तथा मानते हैं कि भक्तामर स्तोत्र जैसा कोई स्तोत्र नहीं। अपने आप में बहुत शक्तिशाली होने के कारण यह स्तोत्र बहुत ज्यादा प्रसिद्ध हुआ। यह स्तोत्र संसार का इकलौता स्तोत्र है जिसका इतनी बार अनुवाद हुआ, जो कि इस स्तोत्र के प्रसिद्ध होने को दर्शाता है। मंत्र थैरेपी में भी इसका उपयोग विदेशों में होता है, इसके भी प्रमाण हैं।

भक्तामर स्तोत्र के पढ़ने का कोई एक निश्चित नियम नहीं है। भक्तामर स्तोत्र को किसी भी समय प्रात:, दोपहर, सायंकाल या रात में कभी भी पढ़ा जा सकता है। इसकी कोई समयसीमा निश्चित नहीं है, क्योंकि ये सिर्फ भक्ति प्रधान स्तोत्र हैं जिसमें भगवान की स्तुति है। धुन तथा समय का प्रभाव अलग-अलग होता है।

भक्तामर स्तोत्र का प्रसिद्ध तथा सर्वसिद्धिदायक महामंत्र है- ‘ॐ ह्रीं क्लीं श्रीं अर्हं श्री वृषभनाथतीर्थंकराय् नम:।’

48 काव्यों के 48 विशेष मंत्र भी हैं।

Shri Bhaktamar stotra is the most famous stotra in Jain community. It has 48 verses written in Sanskrit by Acharya Manatunga in seventh century CE.
This is the most important of all shlokas. No man is an
island. We all have families and have many roles to play at
all times. And if there is no harmony in our relationships, we
cannot be at peace. In order to run our lives smoothly and
happily, we need to maintain healthy relationships in every
field of life. Chanting of this shloka ensures happy and
meaningful relationships. In fact, it acts like fevicol. It,
#master-servant relations,#
this shloka repairs and renews all
relationships. When chanted with faith and devotion this is
very good when there is a delay in marriage of our children
and helps to speed up the process. Its repair and healin
power also helps to join broken bones as in case of
fractures.
The process of Chanting binds
and soothes our broken and strained relations with anyone
and everyone.
#Be it husband-wife relationship,
parent-child
relationship,
#boss and employee relationship,
#mother-in-law
& daughter-in-law relationships,
#business partners,
#friends

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