आपके कितनी संतान हैं या होंगी जानें बिना गुणा गणित, ज्योतिष में अंको का जादू,
नक्षत्र तक नक्षत्र तक
551K subscribers
49,648 views
1.5K

 Published On Apr 16, 2024

Contact Us:- 7800771770
website:- www.nakshtratak.com

राशी क्रमांक व नाम स्वामी उच्च नीच
1(मेष) मंगल सूर्य शनि
2(वृष) शुक्र चंद्र कोई नहीं
3(मिथुन) बुध कोई नहीं कोई नहीं
4(कर्क) चन्द्र गुरू मंगल
5(सिंह) सूर्य कोई नहीं कोई नहीं
6(कन्या) बुध बुध शुक्र
7(तुला) शुक्र शनि सूर्य
8(वृश्चिक) मंगल कोई नहीं चन्द्र
9(धनु) गुरु कोई नहीं कोई नहीं
10(मकर) शनि मंगल गुरू
11(कुम्भ) शनि कोई नहीं कोई नहीं
12(मीन) गुरू शुक्र बुध
#प्रथम_भाव के कारक – इस भाव का कारक सूर्य है। जातक की जन्‍मकुण्‍डली अथवा प्रश्‍नकुण्‍डली के किसी सवाल के जवाब में उसके स्‍वास्‍थ्‍य, जीवंतता, सामूहिकता, व्‍यक्तित्‍व, आत्‍मविश्‍वास, आत्‍मसम्‍मान, आत्‍मप्रकाश, आत्‍मा आदि को देखा जाता है। हर सवाल के जवाब में पहले लग्‍न देखना ही होगा।
#दूसरे_भाव के कारक – इस भाव का कारक गुरु है। वैदिक ज्‍योतिष में इसे धन भाव कहा जाता है। इससे बैंक एकाउण्‍ट, पारिवारिक पृष्‍ठभूमि, कई मामलों में आंखें देखी जाती है।
#तीसरे_भाव के कारक – इस भाव का कारक मंगल है। बौद्धिक विकास, साहसी विचार, दमदार आवाज, प्रभावी भाषण एवं संप्रेषण के अन्‍य तरीके इस भाव से देखे जाएंगे। छोटे भाई के लिए भी इसी भाव को देखा जाएगा।
#चौथे_भाव के कारक – इसका कारक चंद्रमा है। यह सुख का घर है। किसी के घर में कितनी शांति है इस भाव से पता चलेगा। इसके अलावा माता के स्‍वास्‍थ्‍य और घर कब बनेगा जैसे सवालों में यह भाव प्रबल संकेत देता है। शांति देने वाला घर, सुरक्षा की भावना, भावनात्‍मक शांति, पारिवारिक प्रेम जैसे बिंदुओं के लिए हमें चौथा भाव देखना होगा।
#पांचवे_भाव के कारक – इसका कारक गुरु है। इसे प्रॉडक्‍शन हाउस भी कह सकते हैं। इसमें शिष्‍य, पुत्र और पेटेंट वाली खोजें तक शामिल हो सकती हैं। ईमानदारी से की गई रिसर्च भी इसी से देखी जाएगी। इसके अलावा आनन्‍दपूर्ण सृजन, सुखी बच्‍चे, सफलता, निवेश, जीवन का आनन्‍द, सत्‍कर्म जैसे बिंदुओं को जानने के लिए इस भाव को देखना जरूरी है।
#छठे_भाव के कारक – इस भाव का कारक मंगल है। इसे रोग का घर भी कहते हैं। शत्रु और शत्रुता भी इसी भाव से देखे जाते हैं। कठोर परिश्रम, सश्रम आजीविका, स्‍वास्‍थ्‍य, घाव, रक्‍तस्राव, दाह, सर्जरी, डिप्रेशन, उम्र चढ़ना, कसरत, नियमित कार्यक्रम के सम्‍बन्‍ध में यह भाव संकेत देता है।
#सातवें_भाव के कारक – इसका कारक शुक्र है। लग्‍न को देखने वाला यह भाव किसी भी तरह के साथी के बारे में बताता है। राह में साथ जा रहे दो लोगों के लिए, प्रेक्टिकल के लिए टेबल शेयर कर रहे जीवनसाथी, करीबी दोस्‍त, सुंदरता, लावण्‍य जैसे विषय इसी भाव से जुड़े हुए हैं।
#आठवें_भाव के कारक – इसका कारक शनि है। स्‍वाभाविक रूप से गुप्‍त क्रियाओं, अनसुलझे मामलों, आयु, धीमी गति के काम इससे देखे जाएंगे।
#नौंवें_भाव के कारक – इसका कारक भी गुरु है। इसे भाग्‍य भाव भी कहते हैं। धर्म, अध्‍यात्‍म, समर्पण, आशीर्वाद, बौद्धिक विकास, सच्‍चाई से प्रेम, मार्गदर्शक जैसे गुणों को भी इसमें देखा जाता है।
#दसवें_भाव के कारक – गुरु, सूर्य, बुध और शनि के पास दसवें घर का कारकत्‍व है। यह भाव हमारी सोच को कर्म में बदलने वाला भाव है। हर तरह का कर्म दसवें भाव से प्रेरित होगा।
#ग्‍यारहवें_भाव के कारक – इसका कारक भी गुरु है। यह ज्‍यादातर उपलब्धि से जुड़ा भाव है। आय, प्रसिद्ध, मान सम्‍मान और शुभकामनाएं तक यह भाव एकत्रित करता है। हम कुछ करेंगे तो उस कर्म का कितना फल मिलेगा या नहीं मिलेगा, यह भाव अधिक स्‍पष्‍ट करता है।
#बारहवें_भाव के कारक – इसका कारक शनि है। यह खर्च का घर है। बाहरी सम्‍बन्‍धों, विदेश यात्रा, धैर्य, ध्‍यान और मोक्ष इस भाव से देखे जाएंगे।
आपके कितनी संतान हैं या होंगी जानें बिना गुणा गणित,ज्योतिष में अंको का जादू,ज्योतिष,संतान,पुत्र,योग,कुंडली,नक्षत्र,JYOTISH,SANTAN,PUTRA,YOG,KUNDALI,ASTROLOGY,CHILDREN,CHILD BIRTH,HOROSCOPE,KITNI SANTAN HOGI,KITNE PUTRA HONGE,KAISE JANE,SANTAN SANKHYA JANANE KI VIDHI,MERE KITNE LADKE HONGE,कितनी संतान होगी,कितने पुत्र होंगे,कैसे जानें,संतान संख्या कुंडली में कैसे देखें,कितने,लड़के,लड़कियां,नक्षत्र तक,NAKSHTRA TAK

show more

Share/Embed