बैजंती माला विजयन्ती माला की समस्त जानकारी | Original Baijanti Mala benefits
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 Published On Aug 15, 2018

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|| जय चक्रधारी ||

भारतीय स्वतंत्रता दिवस की सभी को हार्दिक शुभकामनाएं|
जहाँ एक और हम आज़ादी का पर्व मना रहे रहे वही दूसरी और क्या वास्तव में ही हम आज़ादी का आनंद ले पा रहे हैं ??

कृष्णा ने भी कहा है - आनंद मुक्ति में हैं, बंधन में नहीं .. तो क्या वास्तव में ही आप मुक्त अवस्था में हैं ??

यह कैसे साबित हो |
आपका जैसा हृदय किया आपने वैसा ही किया ?? क्या ऐसा हो रहा है ?

यह प्रश्न हो सकता हैं अंतर्मन पर चोट करे, किन्तु हमे लगता है हम मात्र अपने आप को मुर्ख बना रहे हैं यह समझ कर के हम आज़ाद हो गए |

यदि आज़ादी आ ही गयी - तो फिर क्यों मन और मस्तिष्क की विचार क्रांति अनुसार क्यों व्यक्ति आगे नहीं बढ़ पा रहे ?
आज़ादी आ ही गयी तो फिर क्यों न चाहते हुए भी प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप की दासता ??

क्यों हमारी संस्कृति का अध्यन्न और उसमे बताई गयी व्यवहारिकता आज भी परदे के पीछे है|

इससे यही प्रतीत होता है या तो हम दास ही हैं, या फिर मानसिकता में दासत्व का भयंकर प्रवेश हो चुका है |

कैसे बहार निकले इससे के कर्मो के और मस्तिष्क क घोड़े दौड़ चले?

आइये चर्चा करते हैं, कृष्णा प्रिय - बैजंती माला पर | हो सकता हैं आपकी मनोकामना पूर्ती में बैजंती माला ही सहायता कर देवे |

बैजंती माला - नाम बहुत लोगों ने सुना हैं, किन्तु बहुत से लोग इसे आज भी पुष्पों का कोई पौधा मानते हैं किन्तु सत्य इसके उलट है | बैजंती - एक पौधा तो है - किन्तु इसके द्वारा उत्पन्न फल - चरम अवस्था में इस रूप में आता हैं - मानो कमल पुष्प की कलियाँ हों | इसीलिए यह प्राकृतिक मोती कृष्णा को अति प्रिय हैं |

इसे शरीर पर धारण करने से ही, मन मस्तिष्क की ऊर्जाएं दोगुनी गति से कार्य करने लगती हैं | इसको धारण करने से मन का भय समाप्त हो जाता है | इसको धारण करने से - वाणी में माधुर्य आ जाता है | और यहाँ तक भी हो जाता है - के धारण करता को उसका मन चाहा प्रेम प्राप्त हो जाये |
यह वास्तव में ही ऊर्जा का एक पुंज है |
इसपर - राम कृष्णा के किन्ही भी मन्त्रों को सिद्ध किया जा सकता है |

आइये अब बात करते हैं आयुर्वेदिक पहलु की -

हम तो भुला रहे हैं किन्तु आज यह पौधा विदेशो में अत्यधिक प्रचलित है |
चीन - में इसको चावल की तरह उबाल कर खा लिया जाता है | क्युकी इसमें फाइबर की मात्रा अत्यधिक है, जिससे पाचन तंत्र बहुत मजबूत हो जाता है |

थाईलैंड में इसकी चाय बना कर पी ली जाती हैं - क्युकी इसकी चाय पीने से ही - बुखार उतर जाती हैं | यह काम भारत के आदिवासी भी करते हैं , इसीलिए इसे - आदिवासियों की दवा के नाम से भी जाना जाता है |

जापान में - इसका सूप बना कर पी लिया जाता हैं, इससे फेफड़ो की बीमारियों से बचाव होता है |

अमेरिका में - इसका पाउडर बना कर - शारीरिक शक्ति बढ़ने हेतु सुबह शाम खा लिया जाता है |

और भारत में - लोगो को पता ही नहीं के - बैजंती क्या होती है |

बैजंती वशीकरण में प्रयुक्त होने के साथ साथ इतने अच्छे परिणाम भी देती है |
सहज ही उत्पन्न हो जाने वाली बूटी - क्यों आज समाज में लुप्त प्राय की अवस्था में है ??

क्या यह गुलामी नहीं है?? फिर कैसी आजादी का आनंद ले रहे हो आप |

कृष्णा आरती से कुछ कथन दे रहा हूँ पढ़िए - विचार कीजिये - और भारतीय संस्कृति को उन्नत बनाने हेतु - अपने देश का सहयोग कीजिये |

आरती कुंजबिहारी की श्री गिरधर कृष्णा मुरारी की |
गले में बैजंती माला, बजावे मुरली मधुर बाला ||

|| ॐ का झंडा ऊँचा रहे ||

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