ओशो: धर्म क्या है ? Osho:
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 Published On Apr 21, 2024

ओशो: धर्म क्या है ? Osho: What is Religion? #osho #dharma #religion #meditation @osho ‪@OSHOHindi‬ ‪@oshotalktv1787‬ ‪@meditation‬ ‪@MusicforBodyandSpirit‬ ‪@jasonstephensonmeditation‬ ‪@numeditationmusic‬ ‪@YourRelaxMusic1‬ ‪@PowerThoughtsclub‬ ‪@yoga‬ ‪@bohobeautiful‬ ‪@yogawithkassandra‬ ‪@OSHOInternational‬ ‪@BuddhasLounge‬ ‪@buddhainspired6110‬ ‪@Buddhastory99‬ ‪@dhammabuddha1286‬ ‪@BuddhaTribe‬ ‪@YamaBuddha‬ @b‪@DDHacks‬
ओशो ने #धर्म के बारे में विविध पहलुओं पर #विचार किए हैं। उनके अनुसार, धर्म को सिर्फ एक #धार्मिक #पद्धति नहीं माना जाना चाहिए, बल्कि धर्म को #जीवन का एक #अनुभव माना जाना चाहिए। यहां कुछ मुख्य बिंदुओं पर #ओशोविज़न के विचार समझने की कोशिश करेंगे
#ओशो के अनुसार, धर्म का अर्थ:
ओशो के अनुसार, धर्म का अर्थ अपने #असली #अस्तित्व को जानना और समझना। उनके अनुसार, धर्म एक #अंतरात्मिक #सफर है जिसमें हम अपने #स्वयं को पहचानते हैं और #सच्चाई की ओर बढ़ते हैं। ओशो के अनुसार, धर्म सिर्फ एक धार्मिक पद्धति नहीं है, बल्कि यह जीवन का एक अनुभव है जो हमें हमारे स्वार्थ के पीछे छोड़ने और असली स्वरूप की खोज में मदद करता है।
ओशो कहते हैं कि धर्म का मतलब है अपने #अंतर्मन की #शुद्धता को पहचानना और जीवन को उसी शुद्धता में जीना। धर्मी जीवन में हम अपने कर्तव्यों का पालन करते हैं, और सच्चाई, न्याय, और #प्रेम के माध्यम से अपने जीवन को #निर्माण करते हैं।
धर्म का अर्थ आत्म-जागरूकता और #स्वाध्याय का #प्रमाण । धर्म का पालन हमें आत्म-समर्पण, सच्चाई के प्रति समर्पितता, और #सहज जीवन की दिशा में ले जाता है। ओशो के अनुसार, धर्मी जीवन जीने का सही तरीका है जो हमें मोहमय #माया से दूर ले जाता है और हमें #आत्मसमर्पण और अनन्य भाव से जीने की दिशा में ले जाता है।

ओशो के अनुसार धर्म #मुक्ति का मार्ग है।
ओशो कहते हैं कि धर्म का मकसद हमें मुक्ति दिलाना है। धर्म के माध्यम से हम अपने #मन की #शांति और #स्वतंत्रता को प्राप्त करते हैं।
धर्म मुक्ति का मार्ग कैसे बनेगा? |
आत्म-जागरूकता का विकास: ओशो कहते हैं कि धर्म से मुक्ति पाने के लिए हमें आत्म-जागरूकता का #विकास करना होता है। हमें अपने अंतरंग ज्ञान को बढ़ाना चाहिए और अपनी #स्वार्थी और #अज्ञानता से मुक्त होने की कोशिश करनी चाहिए।
ध्यान और आत्म-साक्षात्कार: ध्यान के माध्यम से हम अपने आत्मा के साथ संयोग करते हैं और उसकी #प्रकृति को समझते हैं। ओशो कहते हैं कि ध्यान से हम अपने असली स्वरूप को पहचानते हैं और मुक्ति की दिशा में अग्रसर होते हैं।
समर्पण और प्रेम: धर्म से मुक्ति पाने के लिए हमें समर्पण और प्रेम के भाव को बढ़ाना होता है। हमें सबकुछ को ईश्वर के अर्पण करना चाहिए और प्रेम के माध्यम से सबके प्रति आत्म-समर्पण दिखाना चाहिए।
अध्यात्मिक अनुशासन: ओशो कहते हैं कि धर्म से मुक्ति पाने के लिए हमें अध्यात्मिक अनुशासन का पालन करना चाहिए। हमें अपने जीवन को सत्य, न्याय, और प्रेम के माध्यम से आवश्यक अनुशासन में रखना चाहिए।

धर्म से मुक्ति पाने के लिए हमें अपने अंतरंग विकास पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए और सच्चे आत्म-समर्पण और प्रेम के माध्यम से जीवन को आध्यात्मिक उद्देश्य की दिशा में ले जाना चाहिए।

ओशो के अनुसार धर्म का अनुष्ठान :
ओशो धर्म को केवल शास्त्रों या रिटुअल्स का पालन नहीं मानते थे। उनके अनुसार, धर्म का अनुष्ठान हमारे जीवन के हर क्षण में होता है।
धर्म का अनुष्ठान शांति और समृद्धि के मार्ग पर चलना है, जो हमें आत्म-ज्ञान और स्वतंत्रता का अनुभव कराता है। धर्म का अनुष्ठान हमें अपने असली स्वरूप को पहचानने और समझने के लिए दिशा प्रदान करता है।
धर्म का अनुष्ठान न केवल धार्मिक रीति-रिवाज़ का पालन करना है, बल्कि यह हमें जीवन के हर क्षण में सही विचार और कृतियों का आदान-प्रदान करने के लिए भी प्रेरित करता है।
धर्म का अनुष्ठान मन, वाणी, और कर्म से संतुलित जीवन जीने की कला है। ओशो कहते हैं कि धर्म का अनुष्ठान करने से हम आत्म-शुद्धि प्राप्त करते हैं, जो हमें स्वार्थ से मुक्त करता है और हमें सच्चे सुख की दिशा में ले जाता है।
धर्म का अनुष्ठान आत्मा की उच्चतम स्थिति का प्राप्ति का मार्ग है, जिससे हम शांति, समृद्धि, और आनंद को प्राप्त कर सकते हैं।

ओशो के अनुसार ध्यान का महत्व:
ओशो ने ध्यान को धर्म का महत्वपूर्ण तत्व माना। ध्यान के माध्यम से हम अपने अंतरात्मा से जुड़ते हैं और असली धर्म का अनुभव करते हैं।
ओशो के अनुसार, ध्यान एक महत्वपूर्ण साधना है जो हमें अंतरंग शांति, समझ, और स्वयं के साथ संयोग करने की क्षमता प्रदान करती है। ओशो ने ध्यान को जीवन का एक महत्वपूर्ण तत्व माना और इसे आत्म-परिशुद्धि और आत्म-समझ का मार्ग बताया है।
ध्यान के प्रभाव
मानसिक शांति: ध्यान करने से हमारे मन की चंचलता और अशांति कम होती है। यह हमें आत्मिक शांति और स्थिरता का अनुभव कराता है।
स्वयं को पहचानना: ध्यान के माध्यम से हम अपने असली स्वरूप को पहचानते हैं और अपने जीवन के उद्देश्य को समझते हैं। यह हमें आत्म-ज्ञान की दिशा में ले जाता है।
स्पष्ट विचार: ध्यान करने से हमारे मन के विचार स्पष्ट होते हैं और हम जीवन के तार्किक पहलुओं को समझने में सहायक होते हैं।
स्वास्थ्य के लाभ: ध्यान से हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है। यह तनाव को कम करता है और विभिन्न रोगों से बचाव प्रदान करता है।
ओशो के विचारों से धर्म का समझना एक गहरा और अनुभवशील सफर है जो हमें सच्चे स्वार्थ की और ले जाता है।
आपने हमारी बात को धैर्य पूर्व सुना उसके लिए आपका साधुवाद! आभार !
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