Published On Sep 22, 2024
इस वीडियो में प्रेमानंद जी महाराज हमें गीता के गहरे अर्थों को समझाते हैं। वे बताते हैं कि कैसे श्रीकृष्ण ने गीता में कर्म को सर्वोच्च महत्व दिया है, फिर भी नाम जप का महत्व क्यों है।
प्रेमानंद जी महाराज ने गीता के श्लोकों का संदर्भ देकर स्पष्ट किया है कि कर्म करना जीवन का अनिवार्य हिस्सा है, लेकिन नाम जप हमें आंतरिक शांति और भक्ति के मार्ग पर ले जाता है। वे यह भी बताते हैं कि नाम जप करने से हमें मानसिक और आध्यात्मिक शुद्धता प्राप्त होती है।
इस वीडियो में सुनें:
गीता के प्रमुख सिद्धांत
कर्म और भक्ति का संतुलन
नाम जप के लाभ और इसके प्रभाव
इस वीडियो को देखने के बाद, आप समझेंगे कि कैसे कर्म और नाम जप दोनों का एकत्रित उपयोग हमारी आत्मिक यात्रा को सशक्त बना सकता है।
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राधे राधे🙏