सीता हरण | नारी सम्मान, कर्तव्य और धर्म की अद्वितीय कथा
Mysterious Sooryosh Mysterious Sooryosh
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 Published On Sep 28, 2024

सीता हरण महाकाव्य रामायण का एक प्रमुख और नाटकीय प्रसंग है, जो हमें जीवन के कई महत्वपूर्ण पाठ सिखाता है। यह घटना तब घटित होती है जब राम, लक्ष्मण और सीता अपने वनवास के दौरान पंचवटी में निवास कर रहे होते हैं। रावण की बहन शूर्पणखा द्वारा अपमानित होने के बाद, रावण छल का सहारा लेकर सीता का अपहरण करता है। वह अपने मामा मारीच से सहायता लेता है, जो सोने के हिरण का रूप धारण कर सीता को मोहित करता है। राम और लक्ष्मण को धोखे से दूर भेजकर रावण, भिक्षुक का वेश धरकर सीता को लक्ष्मण रेखा से बाहर आने के लिए मजबूर करता है और उनका अपहरण कर लंका ले जाता है।

इस घटना के बाद राम और लक्ष्मण, वानर सेना और हनुमान की मदद से सीता की खोज करते हैं। हनुमान की वीरता और सूझबूझ से राम को सीता की स्थिति का पता चलता है, और अंततः राम वानर सेना के साथ लंका पर आक्रमण करके रावण का वध करते हैं और सीता को मुक्त कराते हैं।

सीता हरण की यह कथा न केवल नारी सम्मान और कर्तव्य की महत्ता को दर्शाती है, बल्कि यह भी सिखाती है कि बुराई कितनी भी शक्तिशाली क्यों न हो, अंततः अच्छाई की ही विजय होती है। यह प्रसंग हमें साहस, धैर्य और सत्य के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है।

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