Published On Feb 28, 2017
प्रश्न: आपने कहा था कि तीस प्रतिशत बीमारियाँ शरीर की होती हैं, और बाकी मन से पैदा होती हैं। अगर हमें कोई बीमारी होती है, तो हम ये कैसे पता लगाएं कि इसे मन ने पैदा किया है या यह शरीर की है? और अगर ये साईकोसोमैटिक या मनोदैहिक प्रकृति की है, तो इसके पीछे किस तरह की भावनाओं और विचारों का हाथ होता है?
सद्गुरु इस सवाल का जवाब देते हुए बता रहे हैं कि कैसे मन खुद ही शरीर के भीतर जहरीला सूप तैयार कर सकता है। वे बताते हैं कि आजकल आधुनिक समाज बीमारियों को सहज प्रक्रिया मानता है जो कि एक बहुत बड़ी गलती है। एक इंसान बेहतरीन "सूप" तैयार करके खुशी के साथ अपना जीवन जी सकता है।
English video: • The Symptoms of an ill Mind - Sadhguru
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