Published On Aug 10, 2024
प्रस्तुत पद में, श्री राधा कृष्ण की मधुर, रसमय लीला का वर्णन हो रहा है। जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज ने यह बड़ा ही सुन्दर व हृदयस्पर्शी पद हमारे रूपध्यान के लिए बनाया है। इसकी एक-एक पंक्ति को ध्यान से सुनें, गायें और फिर उसका रूपध्यान करें। सावन मास में तो यह पद कुछ अलग ही आनंद का अनुभव कराएगा।
जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज जी ने अनेक रसमय काव्य ग्रंथों की रचना की है | प्रेम रस मदिरा, ब्रजरस माधुरी, राधा गोविन्द गीत, श्यामा-श्याम गीत, युगल रस, युगल माधुरी, युगल शतक, भक्ति शतक, श्री राधा त्रयोदशी, श्री कृष्ण द्वादशी
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Prem Ras Madira - Arth (Vol. 1-2) - Hindi: https://www.jkpliterature.org.in/prod...
Prema Rasa Madira - English: https://www.jkpliterature.org.in/prod...