Published On Jun 1, 2022
Empire के इस एपिसोड में जानिए एक ऐसे शख्स का किस्सा, जो असल मायनों में एक किंग-मेकर था. एक ऐसा शख़्स जिसे इतिहास ने कई उपमाएं दी. कहीं वो वीर नायक के रूप में दर्ज हुआ तो कहीं राजनीतिक चालबाज के रूप में. ऐसा राजनीतिक चालबाज जो आठ राजाओं को सत्ता में बैठाता है और उतनों का ही तख्तापलट भी करता है.
उसका किरदार इतना उलझा हुआ है कि कभी वो एक कुशल प्रशासक नजर आता है तो कभी घर का भेदी. कभी उसे गढ़वाल और कुमाऊं के बीच भाईचारे की बुनियाद डालने वाले के रूप में याद किया जाता है तो कभी गढ़वाल का कसाई तक कह दिया जाता है. कहीं वो कुमाऊं का चाणक्य कहलाता है, कहीं कुमाऊँ का शिवाजी और कहीं अर्ल ऑफ़ वारविक.
इस शख्स की चर्चा हमेशा विवादों से घिरी रही है लेकिन इसके बावजूद भी गढ़वाल और कुमाऊं के इतिहास की किताबें उसके बिना अधूरी हैं. गोरखाओं के लिए राजनीतिक बिसात बिछाने वाले और अंग्रेज हुकूमत के साथ कूटनीतिक संबंध बनाने वाले अठारहवीं शताब्दी के इस नायक या खलनायक का नाम है पंडित हर्ष देव जोशी.
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