पितृपक्ष के समय पर चलिए शुरू करते हैं गीता के दुसरे और सातवे अध्याय को समझने का एक छोटा सा प्रयास आपकी अपनी नियति के साथ --- तो बने रहिये इस यात्रा में नियति के साथ