Published On Jul 22, 2024
ॐ
मुझे किसने मोहब्बत से, सत्संग में बुलाया है,
यह किसका निमंत्रण है, यह किसका इशारा है ।
नित अमृत बेले में, मुझे कौन जगाता है,
मीठे संकेतों से, मुझे कौन बुलाता है,
मुझे किसने सजाया है, मुझे किसने संवारा है ।।
मैं कौन हूँ क्यों आया, मुझे कौन बताता है,
मेरा यह आत्मरूप, मुझे कौन लखाता है,
दुनिया के तापों से, मुझे किसने बचाया है ।।
यह कैसा आकर्षण, यह कैसा है रिश्ता,
बन रहा फरिश्ता मैं, आहिस्ता-आहिस्ता,
सत्संग के झूले में, मुझे कौन झुलाता है ।।
यह प्रभु का निमंत्रण है, यह गुरु का इशारा है,
मुझे तुमने मोहब्बत से, सत्संग में पुकारा है
यह तेरा निमंत्रण है, यह तेरा इशारा है,
दुनिया के तापों से, मुझे तुमने बचाया है
मुझे तूने सजाया है, मुझे तूने संवारा है ।।
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