तलाक की परिभाषा कीजिये तलाक उल हसन तलाक ए अहसन तलाक उल बिद्दत इला जिहार खुला
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 Published On Sep 28, 2024

प्रश्न (अ) तलाक की परिभाषा कीजिये तथा मुस्लिम विधि के अनुसार इसके विभिन्न
प्रकारों का वर्णन कीजिये । (ब) सुन्नी तथा शिया विधि में तलाक की भिन्नता परे प्रकाश डालिये।
उत्तर-तलाक की परिभाषा (Definition of Divorce) - आम बोल-चाल की भाषा में तलाक शब्द का अर्थ होता है विवाह को तोड़ना या विवाह-विच्छेद करना। कानून की दृष्टि में तलाक पति या पत्नी द्वारा किया गया कोई ऐसा कार्य है जिससे उनके विवाह का संविदा समाप्त हो जाता है। फिट्‌जराल्ड के अनुसार, सामान्यतः तलाक शब्द से तात्पर्य खण्डन (Revocation) से है। इस्लाम से पूर्व तलाक एक मुस्लिम पति के हाथ में एक ऐसा इकतरफा हथियार था
जिसे वह कभी भी प्रयोग कर सकता था। मुस्लिम विधि में एक पति को अपनी पत्नी को तलाक देने के असीमित अधिकार प्राप्त हैं जबकि पत्नी को ऐसा करने के बहुत ही सीमित अधिकार मिले हैं। यहाँ तक कि पति द्वारा केवल घोषणा मात्र से ही तलाक मान्य (Valid) समझ लिया जाता है। यह निश्चित रूप से एक सामाजिक बुराई है। स्वयं मौहम्मद साहब तलाक के विरुद्ध थे। जी० सी० चैशायर के अनुसार, 'तलाक' जो पारिवारिक एकता को तोड़ता है और अपने आप में एक सामाजिक बुराई है किन्तु यह एक आवश्यक बुराई है। तलाक के प्रकार (Kinds of Divorce) -
उपरोक्त टेबिल से स्पष्ट है कि मुस्लिम विधि में तलाक को मुख्य रूप से निम्नलिखित
दो भागों में बाँटा जाता है-
1. तलाक-उल-सुन्नत (Talaq-ul-Sunnat) जिसको हजरत मौहम्मद द्वारा मान्यता प्रदान की गई है तथा इस कारण से ये अधिक अधिकारिक माने गये हैं।
2. तलाक-उल-बिद्दत (Talaq-ul-Biddat) जिसको प्रचलित परम्परा के आधार पर ही माना गया है तथा जिसको कम अधिकारिक माना गया है।
3. तलाक उल सुन्नत को पुनः निम्नलिखित दो भागों में बाँटा जाता है-
(अ) तलाक अहसन तथा (ब) तलाक हसन ।
(अ) तलाक अहसन (Talak Ahsan) तलाक अहसन में पति एक ही घोषणा मात्र
से अपनी पत्नी से वैवाहिक सम्बन्ध विच्छेद कर सकता है। यह तलाक सर्वोत्तम तलाक होता है तथा एक बार तलाक की घोषणा के बाद पति को उसे वापस लेने की हमेशा स्वतन्त्रता रहती
है । तलाक अहसन की आवश्यकतायें इस तलाक की निम्न आवश्यकतायें हैं-
(i) पति द्वारा तलाक की केवल एक ही घोषणा पर्याप्त है। (ii) यह घोषणा तब की जानी चाहिए जब पत्नी रजस्वला न हो।
(iii) पत्नी की इद्दत की अवधि में समागम से परहेज नहीं करना चाहिये।
(iv) जहाँ विवाह समागम द्वारा पूर्ण नहीं है वहाँ तलाक की घोषणा रजस्वला
(Menstruation) की स्थिति में भी की जा सकती है। (v) जहाँ पत्नी रजस्वला न होती हो वहाँ यह घोषणा समागम (Consumation) के
बाद भी की जा सकती है।
(ब) तलाक हसन (Talak Hasan) तलाक हसन में पति तलाक की लगातार तीन घोषणायें करता है। किन्तु ये तीनों घोषणायें ऐसी अवधि में की जानी चाहियें जब पत्नी रजस्वला न हो अर्थात् तुहर या शुद्ध अवधि में हो तथा साथ ही साथ एक घोषणा व दूसरी घोषणा के बीच की अवधि में पति-पत्नी का समागम भी न हुआ हो। यदि वे ऐसा नहीं करते तो तलाक मान्य (Valid) नहीं होता। यद्यपि तलाक हसन तलाक अहसन का होता है किन्तु इसमें इसमें भी स्वतन्त्रता होती है। से कुछ निम्न स्तर तलाक की घोषणा के बाद पति को तलाक वापस लेने की हमेशा
तलाक हसन की आवश्यकतायें इस तलाक की निम्न आवश्यकतायें हैं-
(i) तलाक की घोषणा लगातार तीन बार तुहर में की जानी चाहिये। (ii) ऐसी घोषणायें लगातार तीन बार तुहर में की जानी चाहियें।
(iii) जहाँ पत्नी रजस्वला न होती हो वहाँ तीनों घोषणायें लगातार तीस-तीस दिन के
की जानी चाहियें।
(iv) तीनों घोषणाओं के बीच पति-पत्नी में समागम नहीं होना चाहिये
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