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Mr & Mrs Ahuja Mr & Mrs Ahuja
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 Published On Jan 19, 2023

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पूजा बच्चे की मंगल कामना के लिए की जाती हैं. यह पूजा षष्ठीदेवी के नाम से की जाती हैं.
बच्चे की संपूर्ण छठी पूजन विधि हमने नीचे बताई हैं.

बच्चे के जन्म के छठे दिन छठी पूजन किया जाता हैं. इस दिन बच्चे की माँ को सुबह उठकर स्नान आदि करने के बाद साफ वस्त्र धारण करने हैं.
छठी पूजन के दिन “छठी” रखनी होती हैं. यह छठी गोबर से बच्चे की बुआ के हाथ रखी जाती हैं.अगर छठी के दिन गोबर न मिले तो आप रोली से भी छठी रख सकते हैं.
इसके पश्चात बच्चे के कमरे के मुख्य द्वार के बहार दोनों तरफ स्वस्तिक बनाए जाते हैं.
इसके बाद स्वस्तिक पर बुआ के हाथो से मखाने रखे जाते हैं.
इस कार्य के लिए बुआ को शगुन के तौर पर रूपये या कपडे आदि दिए जाते हैं.
इसके पश्चात बच्चे की माँ अपने हाथों में सभी रंग की चुडिया पहनती हैं.
इसके बाद बच्चे की माँ बच्चे को अपने गोद में लेकर चावल, बताशे, रोली आदि से छठी पूजन करती हैं.पूजा संपूर्ण हो जाने के बाद बच्चे और माँ के हाथो में मीठा रखकर बच्चे और माँ को उठाया जाता हैं.यह प्रक्रिया पूर्ण हो जाने के बाद बच्चे की माँ का मुंह मीठा कराया जाता हैं.
इतना करने पर संपूर्ण पूजन विधि हो जाती हैं.
इसके बाद रात्रि को बच्चे को गोद में लेकर रात्रि जागरण किया जाता हैं. और सोहर गाया जाता हैं. रात्रि जागरण कम से कम सुबह चार बजे तक करना जरुरी होता हैं.

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