Sangat Ep.31 | Gyan Chaturvedi on Satire, Fiction, Parsai, PadmaShri & Swadesh Deepak | Anjum Sharma
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 Published On Jul 28, 2023

हिंदी साहित्य-संस्कृति-संसार के व्यक्तित्वों के वीडियो साक्षात्कार से जुड़ी सीरीज़ ‘संगत’ के 31वें एपिसोड में मिलिए ज्ञान चतुर्वेदी से। 2 अगस्त, 1952 को झाँसी, उत्तर प्रदेश में जन्मे ज्ञान चतुर्वेदी की पहचान लेखक के साथ-साथ एक हृदयरोग विशेषज्ञ की भी है। ज्ञान चतुर्वेदी के लेखन की शुरुआत सत्तर के दशक से ‘धर्मयुग’ से हुई। उनका पहला उपन्यास ‘नरक-यात्रा’ पाठकों में अत्यंत चर्चित रहा। इसके बाद ‘बारामासी’, ‘मरीचिका’ ‘हम न मरब' जैसे उपन्यास भी आए और ख़ूब लोकप्रिय हुए। इसके साथ ही ज्ञान चतुर्वेदी देश की तमाम प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में भी नियमित रूप व्यंग्य-कॉलम लिखते रहे।
ज्ञान चतुर्वेदी को 2004 में राष्ट्रीय शरद जोशी सम्मान से नवाजा गया था। पेशे से चिकित्सक और लेखक ज्ञान चतुर्वेदी ने क़रीब 1,000 से ज्‍यादा व्‍यंग्‍य रचनाएँ लिखी हैं। इंटरव्यू के दौरान अंजुम शर्मा से उन्होंने अपने बचपन, परिवार और लेखन पर विस्तार से बात की। ज्ञान चतुर्वेदी व्यंग्य लेखन की शुरुआत कैसे हुई? क्या व्‍यंग्‍य एक कठिन विधा है? ज्ञान चतुर्वेदी क्यों कहते हैं कि आजकल जो व्यंग्य लिखना नहीं जानते थे वह व्यंग्य की आलोचना में घुस गए। वह आजकल के व्यंग्य-लेखन को कचरा क्यों कहते हैं? ऐसे तमाम सवालों के जवाब और ज्ञान चतुर्वेदी के रचना-संसार को जानने-समझने के लिए देखिए संगत का यह एपिसोड।

संगत के अन्य एपिसोड्स देखने के लिए दिए गये लिंक पर जाएँ :    • संगत  

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