वात पित्त और कफ लक्षण क्या है शरीर के त्रिदोषों को कैसे पहचानें
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 Published On Sep 27, 2024

वात पित्त और कफ लक्षण क्या है शरीर के त्रिदोषों को कैसे पहचानें‎@FitMindBodyLife-qm7vu 

शरीर में वात, पित्त और कफ ये तीनों अलग-अलग समस्याओं को पैदा करतेहैं।
1 वात दोष हवा से जुड़ा है।
2 पित्त दोष आग से जुड़ा है।
3 कफ दोष पानीसे जुड़ा है।

वात, पित्त और कफ, त्रिदोष को कैसे करें शांत? योग
आयुर्वेद के तीन दोष वात, पित्त और कफ -
Vata,
pitta
kapha
1 वात दोष - सुबह के समय गाय के घी का एक चम्मच लें, इसके बाद अदरक से युक्त गुनगुने पानी का एक गिलास लें, इससे वात संतुलन में बना रहेगा।

2पित्त दोष - सुबह की शुरुआत एक गिलास ठंडे नारियल पानी से करें या करीब 25 ML शुद्ध एलोवेरा जूस खाली पेट लें। इससे पित्त संतुलन में बना रहेगा।

3कफ दोष - एक कप गुनगुने पानी में नींबू, अदरक और शहद मिलाकर लें। इससे मेटाबोलिक सिस्टम में सुधार होगा और पाचन तंत्र संतुलित बना रहेगा।

शरीर में वात, पित्त और कफ दोष को संतुलित करने के लिए रोज करें ये 3 योगासन
1: पश्चिमोत्तानासन (Paschimottanasana)

पश्चिमोत्तानासन करने का तरीका (How To Do Paschimottanasana)
पश्चिमोत्तानासन करने के लिए सबसे पहले जमीन या योग मैट पर बैठ जाएं।
अपने दोनों पैरों को फैलाकर एक-दूसरे से सटाकर रखें।
अब दोनों हाथों को ऊपर की ओर उठाएं। इस दौरान अपनी रीढ़ को सीधा रखें।
अब कूल्हे से आगे की ओर झुकते हुए, दोनों हाथों की उंगलियों से अपने पैरों के दोनों अंगूठे पकड़ें।
2 :सेतुबंधासन (Setu Bandhasana)
सेतुबंधासन करने का तरीका (How To Do Setu Bandhasana)
इस आसान को करने के लिए फर्श या योगा मैट पर पीठ के बल लेट जाएं।
अपने पैरों को मोड़ें और हाथों से टखनों को पकड़ें।
फिर धीरे-धीरे नितंबों, कमर और पीठ के ऊपरी हिस्से को ऊपर की
3:पर्वतासन (Parvatasana)
पर्वतासन करने का तरीका (How To Do Parvatasana)
पर्वतासन को करने के लिए जमीन या योगा मैट पर वज्रासन में बैठ जाएं।
अब अपने दोनों हाथों और पैरों के पंजो को जमीन पर रखें।
अपनी कमर को उठाते हुए, त्रिकोणीय आकार का बनाएं।
इस स्थिति में कुछ देर तक रहें।
सांस छोड़ते हुए हाथों को नीचे लाएं।

वात, पित्त और कफ को संतुलन में रखने के लिए रोज करें ये 3 प्राणायाम 2. प्राणायाम करें
1 भस्त्रिका प्राणायाम
2 शीतली प्राणायाम
3 अनुलोम-विलोम
1. कफ दोष को संतुलित करने के लिए भस्त्रिका प्राणायाम
अगर आपकी कफ प्रकृति है, तो आपको सांस से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। जब कफ बढ़ता है, तो इसकी वजह से खांसी या जुकाम हो सकता है। इससे फेफड़ों में बलगम जमा होने लगता है। ऐसे में आपके लिए भस्त्रिका प्राणायाम करना फायदेमंद हो सकता है। कफ को संतुलन में लाने के लिए आप रोज सुबह खाली पेट इसे करने के लिए अब अपने दोनों हाथों को गोद में रखें और आंखें बंद कर लें। इसके बाद गहरी सांस लें और पूरी तरह से छोड़ें। सांस लेने और सांस छोड़ने की प्रक्रिया को बार-बार दोहराते रहें। इससे आपको शुद्ध ऑक्सीजन मिलेगा और फेफड़े मजबूत बनेंगे।
2 शीतली प्राणायाम
2. पित्त को संतुलित करने के लिए शीतली प्राणायाम
जब पित्त दोष होता है, तो शरीर में गर्मी बढ़ जाती है। इसकी वजह से चिड़चिड़ापन, गुस्सा और चक्कर आने जैसे लक्षणों का अनुभव हो सकता है। इतना ही नहीं, पित्त बढ़ने पर त्वचा से जुड़ी समस्याएं भी पैदा हो सकती हैं। शरीर को ठंडा करके पित्त को संतुलन में लाया जा सकता है। इसके लिए कि इससे शरीर को ठंडक मिलती है। इस प्राणायाम को करने के लिए आप किसी शांत और आरामदायक जगह पर बैठ जाएं। अपने हाथों को घुटने पर रखें। इस दौरान आपकी इसके बाद अपनी जीभ को मोड़ लें, सांस लें और फिर छोड़ें। आप इसे 1-2 मिनट तक कर सकते हैं।
3;अनुलोम-विलोम वात दोष को संतुलित करने के लिए अनुलोम-विलोम
वात को संतुलन में लाने के लिए आप अनुलोम विलोम का अभ्यास कर सकते हैं। इस प्राणायाम को करने से तनाव दूर होता है। साथ ही, शारीरिक और मानसिक शांति मिलती है। अगर आप बहुत ज्यादा थकान या कमजोरी का अनुभव कर रहे हैं, तो आरामदायक आसन में बैठ जाएं। अपनी कमर और गर्दन को सीधा रखें। फिर अपनी दोनों आंखें बंद इसके बाद अपने दाएं हाथ के अंगूठे से दाईं नासिक को बंद करें और बाएं नथुने से धीरे-धीरे सांस लें। फिर बाईं नासिक को दाएं हाथ की अनामिका उंगली से बंद करें और सांस छोड़ें।
1 वात के संतुलन के लिए क्या खाएं
अनाज – जई का आटा (पका हुआ ), चावल (बासमती ) व गेहूं आदि।
दालें – उड़द, कुलथ
सब्जियाँ व फल- मूली शकरकंद, प्याज, कद्दू, पालक, आंवला, अंगूर, केला, खजूर, सेब, अनानास, अनार
अन्य – मक्खन, क्रीम, घी दूध (उबला हुआ), दही, ताजा पनीर (घर का बना) , चीनी व उससे बने पदार्थ, शहद, सरसों तेल, तिल का तेल, नारियल तेल, हींग, लौंग, इलायची, दालचीनी, काली मिर्च, जीरा, लहसुन, धनियां आदि।
2 पित्त के लिए सर्वोत्तम भोजन
• खाएं: दूध, पनीर, मीठा दही; जैतून का तेल; मीठी और कड़वी सब्जियाँ जैसे मशरूम, मटर, मिर्च, ब्रोकोली और तोरी; कूसकूस, क्विनोआ और जौ सहित अनाज।

3 कफ के लिए सर्वोत्तम भोजन
खाएं: अदरक और लहसुन; सेब, आम, आड़ू, नाशपाती; पत्तेदार सब्जियाँ और सब्जियाँ जो जमीन के ऊपर उगाई जाती हैं, जैसे मक्का, शतावरी, बैंगन; कॉटेज चीज़; चिकन, मछली और टेम्पेह सहित दुबला प्रोटीन।


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