जय छठी मैया | Chhath Puja Ki Taiyari | Chhath Puja Special ♥️ | DI Vlogs
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 Published On Dec 6, 2023

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छठ पूजा का क्या इतिहास है?
द्रौपदी ने अपने पति के अच्छे स्वास्थ्य और बेहतर जीवन के लिए छठ का व्रत रखा था. जब पांडव सारा राजपाठ जुए में हार गए, तब द्रौपदी ने छठ व्रत रखा था. इस व्रत से उनकी मनोकामना पूरी हुई थी और पांडवों को सब कुछ वापस मिल गया. इस व्रत में द्रौपदी ने सूर्य पूजा और छठी मैईया की आराधना की.

छठ पूजा कब और क्यों मनाया जाता है?
यह व्रत कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी को मनाया जाता है। इसमें व्रती दिन भर उपवास रखती हैं। संध्याकाल में स्नान-ध्यान कर छठी मैया की पूजा करती हैं। नहाय खाय के दिन भोजन ग्रहण करने के बाद व्रती खरना पूजा तक व्रती उपवास रखती हैं।

बिहार में छठ पूजा क्यों मनाया जाता है?

नि: संतान महिलाएं अगर यह पूजा करती हैं, तो उन्हें संतान की प्राप्ति होती है. कथाओं के अनुसार बिहार राज्य में छठ पूजा की शुरूआत महाभारत के काल में हुई थी. पौराणिक कथाओं के अनुसार, सूर्यपुत्र कर्ण का संबंध बिहार के मुंगेर जिले से था

छठ माता की कहानी क्या है?
पौराणिक कथा के अनुसार छठी मैया ब्रह्मदेव की मानस पुत्री और भगवान सूर्य की बहन हैं. छठी मैया को संतान प्राप्ति की देवी कहा जाता है, वहीं सूर्य देव को शरीर का देवता कहा गया है. पुराणों में यह मान्यता है कि जब ब्रह्मा जी जब सृष्टि की रचना कर रहे थे तब उन्होंने स्‍वयं को दो भाग में बांट दिया था.

छठ माता किसकी पत्नी है?
छठ मैया किसकी पत्नी हैं? पुराणों के अनुसार, छठी मैया के पति का नाम कार्तिकेय है। शिव जी और माता पार्वती के पुत्र कार्तिकेय छठी माता के अर्धांग हैं।

छठ पूजा किसने शुरू की थी?

रामायण में, जब राम और सीता अयोध्या लौटे, तो लोगों ने दीपावली मनाई और इसके छठे दिन रामराज्य (अर्थात् राम का राज्य) की स्थापना हुई। इस दिन राम और सीता ने व्रत रखा था और सीता द्वारा सूर्य षष्ठी/छठ पूजा की गई थी।

छठ पूजा की शुरुआत कैसे हुआ?
कर्ण ने भी किया था सूर्य उपासना

मान्यता के मुताबिक, एक कथा प्रचलित है कि छठ पर्व की शुरुआत महाभारत काल के दौरान हुई थी. इस पर्व को सबसे पहले सूर्यपुत्र कर्ण ने सूर्य की पूजा करके शुरू की थी. कहा जाता है कि कर्ण भगवान सूर्य के परम भक्त थे. वे रोज घंटों पानी में खड़े होकर सूर्यदेव को अर्घ्य देते थे.

छठ पर्व का क्या महत्व है?
छठ पूजा हिंदुओं के लिए अत्यधिक धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखती है, जो मनुष्यों और सूर्य देव की दिव्य शक्ति के बीच गहरे संबंध का प्रतीक है। भक्तों का मानना ​​है कि सूर्य की जीवनदायी ऊर्जा के प्रति आभार व्यक्त करते हुए सूर्य की पूजा करने से समृद्धि, अच्छा स्वास्थ्य और खुशी मिलती है।

सूर्य भगवान की बहन का क्या नाम है?
रायपुर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। Chhath Puja 2022: शास्त्रीय मान्यता के अनुसार भगवान ब्रह्मा की मानस पुत्री छठी मइया, सूर्यदेव की बहन हैं।

छठ पूजा में क्या क्या नहीं करना चाहिए?

छठ किसकी पुत्री थी?

सूर्य और छठी मैया में क्या संबंध है?

छठ माता किसका अवतार है?
















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