करणकान्त की कविता "पीछे मुड़कर देखने का फुर्सत हमें कहाँ होगा" युवाओं के मार्गदर्शन हेतु.
Karankant Thakur Karankant Thakur
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 Published On Jun 27, 2021

poem by "karankant" to encourage youths "पीछे मुड़कर देखने का फुर्सत हमें कहाँ होगा"

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