Published On Sep 30, 2024
Practical Application Of SM 30.9.24
एरोप्लेन में ऊपर जाते हैं, उन्हों को पेट्रोल इतना डालना है जो फिर वापिस भी आ सकें। आकाश बेहद है ना, सागर भी बेहद है। जैसे यह बेहद का ज्ञान सागर है, वह है पानी का बेहद का सागर। आकाश तत्व भी बेहद है। धरती भी बेहद है, चलते जाओ। सागर के नीचे फिर धरती है। पहाड़ी किस पर खड़ी है? धरती पर। फिर धरती को खोदते हैं तो पहाड़ निकल आता, उसके नीचे फिर पानी भी निकल आता है। सागर भी धरनी पर है। उसका कोई अन्त नहीं पा सकते हैं कि कहाँ तक पानी है, कहाँ तक धरती है? परमपिता परमात्मा जो बेहद का बाप है, उनके लिए बेअन्त नहीं कहेंगे। मनुष्य भल कहते हैं ईश्वर बेअन्त है, माया भी बेअन्त है।
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